पेशाब रोकना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है | Stopping Your Urine is Harmful for Health in Hindi

आजकल की व्यस्त जीवनशैली में लोग मजबूरी और अनजाने में पेशाब को रोक लेते हैं। हमारे शरीर से विषैले तत्व को बाहर निकालने में पेशाब करने का बहुत अहम योगदान है। अगर लंबे समय तक पेशाब को रोक कर रखेंगे तो हमारे ब्लैडर के अंदर बैक्टीरिया पनपने शुरू हो जाते हैं जिससे स्वास्थ्य संबंधित कई समस्याएं होने लगती है जैसे यूरिन इन्फेक्शन पथरी दर्द आदि।

पेशाब करना शरीर की सामान्य प्रक्रिया है जिसे महसूस होने पर 1 से 2 मिनट के अंदर निष्कासित कर देना चाहिए वैसे तो ब्लेडर के भरने पर स्वतः ही यह तंत्र हमारे मस्तिष्क को वॉशरूम जाने का संकेत भेजती है। पसीने की तरह पेशाब के माध्यम से भी शरीर के विषैले तत्व बाहर निकलते हैं और यह तत्व शरीर में संक्रमण की शुरुआत का कारण बनते हैं इसलिए पेशाब को ज्यादा देर तक नहीं रोकना चाहिए।

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मूत्राशय में कितना पेशाब रोक सकते हैं – How much Urinary Bladder can Hold Urine) :- 

एक स्वस्थ व्यक्ति अपने मूत्राशय में दो गिलास की मात्रा का पेशाब रोक सकता है। मूत्राशय को खाली करना कोई सामान्य प्रक्रिया नहीं है बल्कि यह एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें कई मांसपेशिया, अंग और तंत्रिकाऐं एक-साथ व्यक्ति को पेशाब करने में सहायता करती है जिससे पेशाब बाहर निकलता है।

पेशाब रोकने के नुकसान – Disadvantage of Stop Urine

गुर्दे की पथरी – Kidney Stone :-

यूरिन को एक-दो घंटे रोकने के कारण महिलाओं, कामकाजी युवाओं में यूरिन संबंधित समस्याएं आने लगती है, जिसकी शुरुआत में ब्लैडर में दर्द होता है और साथ ही 8 से 10 घंटे बैठकर काम करने वाले युवाओं को पेशाब करने की जरूरत तब महसूस होती है जब वह अपनी स्थिति को बदलते हैं। हमारे यूरिन ब्लैडर में पेशाब इकट्ठा होता है और ब्लेडर की क्षमता के अनुसार पेशाब इकट्ठा होने के बाद में अगर यूरिन पास नहीं करते हैं तो वह वापस किडनी में जाने लग जाता है जिससे किडनी में इन्फेक्शन और पथरी होने की संभावनाएं बढ़ने लग जाती है। एक अध्ययन में पाया गया है कि किडनी में पथरी की समस्याएं 99% पेशाब को लंबे समय तक रोकने से उत्पन्न होती है। 

मूत्र पथ के संक्रमण –  Urinary Track Infection :-

कभी भी तेज पेशाब आने पर रोके नहीं, जब भी पेशाब महसूस हो तुरंत पेशाब को पास करें, वरना यूटीआई होने का खतरा बढ़ जाता है यूरिन को रोकने से संक्रमण फैलता है। हमारे पेशाब में मौजूद जीवाणु ज्यादा समय तक रुकने पर मूत्रमार्ग को संक्रमित करते हैं जिससे हमें कई प्रकार की समस्याएं होती है जब यह मूत्राशय से या गुर्दे में जीवाणु प्रवेश कर जाते हैं तो तकलीफ और ज्यादा बढ़ने लग जाती है इसलिए जब भी पेशाब महसूस हो उसे तुरंत कर लेना चाहिए।

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किडनी की खराबी – Kidney Failure :-

किडनी फेलियर एक मेडिकल समस्या है जो किडनी के अचानक ब्लड से विषाक्त पदार्थों और अवशेषों को फिल्टर करने में असमर्थ होने के कारण होता है। पेशाब से संबंधित हर तरह के इंफेक्शन किडनी पर बहुत बुरा असर डालते हैं। बॉडी में यूरिया और क्रिएटिनिन यह दोनों तो ज्यादा बढ़ने की वजह से यूरीन हमारी बॉडी से बाहर नहीं निकल पाता जिसके कारण ब्लड की मात्रा बढ़ने लग जाती है, भूख कम लगती है, उल्टी आना, कमजोरी लगना, थकान और पेशाब महसूस होना लेकिन पेशाब उतरना नहीं जैसी समस्याएं होने लगती  है। इससे हमारी बॉडी में सूजन आती है व पैरों में सबसे ज्यादा सूजन आती है।

 

पेशाब का रंग गहरा होना – Darkening of Urine :-

बहुत देर तक पेशाब को रोकने से यूरिन का रंग भी बदलने लग जाता है इसके पीछे सबसे अधिक संभावनाएं संक्रमण की होता है और रंग बदलने के साथ-साथ पेशाब की बदबू भी बढ़ने लग जाती है। हालांकि बीट, जामुन, शतावरी जैसे कुछ खाद्य पदार्थ के कारण भी पेशाब का रंग बदल सकता है।


ब्लेडर की मांसपेशियां कमजोर होना – Bladder Muscle Weakness :-

पेशाब को ज्यादा देर तक रोकने से यूरिन के टॉक्सिन किडनी में वापस चले जाते हैं जिसे रिटेंशन ऑफ यूरिन (Retention of Urin) कहते हैं। इसके अलावा पेशाब को बार-बार रोकने से ब्लैडर की मांसपेशियां कमजोर हो जाती है और यूरिन करने की क्षमता को कम करती है मांसपेशियां कमजोर होने से पेशाब महसूस होते हुए भी कम निकलता है।

 

ब्लैडर में आ जाती है सूजन – Bladder Inflammation Occurs :-

पेशाब को रोकने से यूरिन भंडार यानि ब्लैडर में सूजन और दर्द हो सकता है। इस से ग्रसित लोगों में अन्य लोगों की तुलना में पेशाब बार बार लेकिन कम मात्रा में आता है डॉक्टरों का मानना है कि यह संक्रमण के कारण होता है। 

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