एक्ने की समस्या से निपटने के लिए आजमायें आयुर्वेद | Treatment of Pimples and Acne with Ayurveda
एक्ने की समस्या से निपटने के लिए आजमायें आयुर्वेद |
Treatment of Pimples and Acne with Ayurveda
- युवावस्था में हार्मोंस में बदलाव के कारण होती है एक्ने की समस्या।
- सिबेशस ग्रंथि की अति सक्रियता और हार्मोन के कारण होते हैं एक्ने।
- गाय के ताजे दूध में चिरौंजी को पीसकर इसका लेप चेहरे पर लगायें।
- चमेली के तेल को सुहागा में मिलाकर रात को सोने से पहले लगायें।
अगर चेहरे पर मुंहासों के जैसे बहुत सारे दाने, हो जाएं और बहुत दिनों तक ठीक न हों तो जरा सावधान हो जाइए। यह एक्ने हो सकते हैं। एक्ने को आयुर्वेदिक उपचार से ठीक किया जा सकता है। दरअसल त्वचा के नीचे स्थित सिबेशस ग्लैंड्स से त्वचा को नम रखने के लिए एक तेल निकलता है। ये ग्रंथियां चेहरे, पीठ, छाती और कंधों पर सबसे ज्यादा होते हैं।
अगर ये ज्यादा सक्रिय हो जाएं तो रोमछिद्र चिपचिपे होकर बंद हो जाते हैं और उनमें बैक्टीरिया पनपने लगते हैं जो आगे चलकर एक्ने का कारण बनते हैं। सिबेशस ग्लैंड्स की अति सक्रियता की प्रमुख वजह एंड्रोजन हार्मोन की अधिकता होती है। एंड्रोजन पुरुष सेक्स हार्मोन है और यह लड़के और लड़कियों दोनों में ही होता है। किशोरावस्था में इसका प्रभाव ज्यादा होता है। आइए हम आपको एक्ने के उपचार के लिए आयुर्वेद तरीकों के बारे में बताते हैं।
यह भी पढ़े : COVID19 : कोरोना वायरस से बचने के लिए क्या करें और क्या न करें | Do's and Don'ts to Avoid Corona Virus...
एक्ने की समस्या Acne problem
कुछ लड़कियों को पीरियड्स से पहले बार-बार मुंहासे निकल आते हैं जो बिगड़कर एक्ने का रूप ले सकते हैं। ऐसा ओव्यूलेशन के बाद प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन के ज्यादा सिक्रीशन की वजह से भी होता है। इससे त्वचा पर छोटे-छोटे दानों के गुच्छे जैसे बन जाते हैं। इसी तरह सिबेशस ग्रंथियों से उत्पन्न सीबम त्वचा के पिगमेंट मिलकर रोमछिद्रों को ब्लॉक कर देता है तो ब्लैकहेड्स बनते हैं। अगर त्वचा की अंदरूनी परत में सीबम जमा हो जाता है तो व्हाइटहेड्स बनते हैं। कई बार ब्लैकहैड्स और व्हाइटहेड्स त्वचा के भीतर फैलने के बाद फूट जाते हैं, जिससे बाहरी त्वचा पर एक्ने और ज्यादा फैल सकता है।दरअसल टीनेज में हार्मोंस में लगातार बदलाव आते रहते हैं, नतीजन चेहरे पर दाग, धब्बे, मुंहासे और एक्ने की समस्या होने लगती हैं। एक्ने ऐसी समस्या है जो आमतौर पर टीनेज और युवावस्था में अधिक होती है। अगर आपके परिवार में पहले भी परिवार वालों को एक्ने रहे हैं यानी आपके मां या पिता को भी यह समस्या रही है तो भी आपको इससे बचाव के लिए तैयार रहना चाहिए। एक्ने त्वचा का एक विकार है। एक प्रकार से यह मुंहासों का ही बिगड़ा हुआ रूप है।
![]() |
चिरौंजी - Chironji |
- चिरौंजी (Chironji) :-
![]() |
चमेली का तेल - Jasmine Oil |
- चमेली का तेल (Jasmine Oil) :-
![]() |
मसूर की दाल - Masur Lentils |
- मसूर की दाल (Masur Lentils) :-
![]() |
जायफल - Nutmeg |
- जायफल (Nutmeg) :-
- अन्य आयुर्वेदिक उपाय (Other Ayurvedic remedies)
- शुद्ध टंकण और शक्ति पिष्टी (आयुर्वेदिक दुकानों में उपलब्ध) 10-10 ग्राम मिलाकर एक शीशी में भर लें। थोड़ा सा यह पावडर और शहद अच्छी तरह मिलाकर कील-मुंहासों पर लगाएं।
- लोध्र, वचा और धनिया, तीनों 50-50 ग्राम खूब बारीक पीसकर शीशी में भर लें। एक चम्मच चूर्ण थोड़े से दूध में मिलाकर लेप बना लें और कील-मुंहासों पर लगाएं। आधा घंटे बाद पानी से धो डालें।
- सफेद सरसों, लोध्र, वचा और सेन्धा नमक 25-25 ग्राम बारीक चूर्ण करके मिला लें और शीशी में भर लें। एक चम्मच चूर्ण पानी में मिलाकर लेप बना लें और कील-मुंहासों पर लगाएं।
- मसूर, वट वृक्ष की कोंपलें (नरम छोटी पत्तियां), लोध्र, लाल चन्दन, सब 10-10 ग्राम बारीक चूर्ण करके मिला लें। एक चम्मच चूर्ण पानी के साथ पीसकर लेप बना लें। इसे कील-मुंहासों पर लगाएं।
- आयुर्वेद उपचार के साथ ही एक्ने की समस्या से बचने के लिए चेहरे की साफ-सफाई रखना जरूरी हैं, ऐसे में चेहरे को बार-बार पानी से धोएं। और मेकअप कम से कम करें और गर्मियों में वॉटरप्रूफ मेकअप का ही इस्तेमाल करें।
ऐसे हैल्थ ब्यूटी टिप्स अपडेट जानने के लिए ज्वॉइन करें WhatsApp & Telegram पर
Click and Visit Our FB Page : https://bit.ly/OnlyMyTips
कोई टिप्पणी नहीं
Welcome to India's Leading Health Fitness and Lifestyle Website...